"गैरबराबरी के खिलाफ युवाओं की आवाज़"
युथ असेम्बली 2012 का आगाज़
17 नवम्बर, 2012
विकल्प संस्थान और मुमकिन है महिलाओं पर होने वाली हिंसा का अंत अभियान और जिला स्तरीय मुमकिन है मंचों के संयुक्त तत्वावधान में "गैर बराबरी के खिलाफ, युवाओं की आवाज़"युथ असेम्बली 2012 का आयोजन किया गया। एक-दूसरे से सीखने-सिखाने और अपने बदलाव को और गहरा करने के लिए इस दो दिवसीय युथ असेम्बली का आयोजन 17 और 18 नवम्बर को स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव के प्रांगण में किया गया। इसमें 8 जिलों -उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, पाली, जालोर के 200 युवाओं ने भाग लिया।
"भारत सदियों से साझा संस्कृति का देश रहा है। बादशाह और राजा आते जाते रहे हैं परन्तु आमजनों में आपसी मेलमिलाप और सद्भाव बना रहा। एक साझा संस्कृति विकसित रही है। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्य, हमारी सामाजिक एवं राजनैतिक व्यवस्था के आधार होने चाहिये।" प्रोफ़ेसर राम पुनियानी
हद-अनहद फिल्म का प्रदर्शन
उदयपुर के आम जनों की जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रम के तहत शनिवार शाम 6 से 8 बजे तक फतहसागर के पाल पर संत कबीर से जुड़ी सृष्टि द्वारा निर्मित और शबनम विरानी द्वारा निर्देशित एक डाक्यूमेण्टरी फिल्म "हद-अनहद" का प्रदर्शन किया गया। यह फिल्म भारत और पाकिस्तान में आम लोगों की नजर से कबीर को समझने की एक कोशिश थी। युवाओं और स्थानीय लोगों ने बड़ी तादाद में भाग लिया।
मलाला: साहसी लड़की कार्यक्रम
इसी समय 14 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की शिक्षा और शांति दूत मलाला से जुड़े गीत और विडियो भाषण का स्क्रीन किया गया। उल्लेखनीय है कि 10 अक्टूबर को तालिबानियों ने मलाला को गोली मार दी थी। जीवन के संघर्ष में मलाला जीती और तेजी से उसका स्वास्थ्य ठीक हो रहा है। यह कार्यक्रम उसके साहस और हौसले से प्रेरणा लेने के लिए था।
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